Sunday 10 January 2016

कविता ४३१. पानी में बदलती तसबीर

                                                        पानी में बदलती तसबीर
पानी की हर बूँद में कुछ तो बात लिखी हुई हर बार नजर आती है जिसे परख लेने से जीवन की शुरुआत अलग हो जाती है क्योंकि पानी में ही अलग तसबीर नजर आती है
पानी के अंदर ही दुनिया साँस दे जाती है हर बातो मे हम यह जानते है की पानी तो बस वही दिखता है जो सामने होता है पर पानी में देखते ही लगता है जैसे पानी में अपनी दुनिया नजर आती है
पानी से ही दुनिया की तसबीर दिखती है जिसमें दुनिया की हर चीज नजर आती है पानी को ध्यान से देखे तो उसमें दुनिया नजर आती है खुशियाँ नजर आती है
पानी के लहरों में दुनिया के अलग रूप नजर आते है जो जीवन को अलग सोच और मतलब दे जाते है पानी में देखो तो हर बार एक अलग बात नजर आती है
पानी की लहर अपने साथ हर चीज को आगे ले जाती है वह हर चीज को बनाती है और मिटाती है पर खाली नहीं रहती है वह लहर बदलाव दिखाती है
कभी बनाती है और कभी जीवन में मिटाती है वह हर मोड़ को प्यारा और सुंदर बताती है पानी तो हर पल हिलता है और बदलाव जताता है जो हर मोड़ पर अलग एहसास दिखाता है
पानी की लहरे जीवन को हर बार नया रूप दिखाती है जो जीवन को हर साँस में अपना एहसास बताती है पानी में जो दिखता है वह बनाती है मिटाती है
पर गौर से देखो तो पानी खाली नहीं होता वह पानी में कुछ ना कुछ जरूर  दिखाती है वह बताती है बदलाव हमारा साथी है वह धीरे से बदलाव दिखाती है
पानी के अंदर रूप जो अलग अलग वह दिखाती है उन्हें परख लेने से ही जीवन की नई शुरुआत होती है वह जीवन को हर पल अलग रूप दे जाती है
पानी के बदलती लहरों के साथ वह जीवन के बदलाव दिखाती है वह यह बताती है की जीवन खाली नहीं होता पर बदलाव हमारा हर पल साथी है तो तसबीर हर बार बदलती जाती है
जो बदलाव से ना डरे जीत जीवन में बस उसी की होती है जो हमें हर पल हर मोड़ पर हमेशा आगे ले जाती है नई रोशनी  है 

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