मुरझाने के बाद कि शुरुआत
रोज जब कोई फूल खिलता है जीवन मे खुशियाँ देता है चाहे कितनी बार मुरझा जाये पर हर फूल नई उम्मीदे दे जाता है फूलों का खिलना जरुरी नजर आता है वह मुरझा जाये तो भी क्या आखिर फूल तो फूल ही होते है
जब हम समझ लेंगे उन बातों को दुनिया के रंग उन संग बदल जाते है जीवन कि कहानी को समझ लेते तो हम है पर मुरझाने पर फूल कहाँ हमे भाते है जब जीवन कि धारा को समझ ले तो जीवन मे रंग बदलते है
जिसे समझ लिया हमने जीवन मे वह सोच अलग अलग एहसास से हम समझ पाते है जीवन कि हर परछाई को उम्मीदे दे कर हम समझ लेते है मुरझा चुकी चीजों से बढकर हम जीवन मे कोई चीज समझ लेते है
तो वह सारी उम्मीदे है जिन्हे हम परख लेना चाहते है उम्मीदे तो बस कुछ पल कि साथी है उन्हे परख लेना हम चाहते है जिन्हे जीते है हम जीवन मे और समझ लेना भी मन से हर बार चाहते है खुशियाँ पाते जाते है
जो चीजे मुरझाती है वह भी खुशबू कि उम्मीदे ही जीवन मे हर बार देती है जब मुरझाती है तभी तो उम्मीदे तो कई बार देते है क्योंकि मिटी मे मिलकर वह नये उम्मीदों के किनारे हर बार हमे दे जाते है
जो फूल फिर से उगना पाये वह भी तो उम्मीदे देते है क्योंकि वह सुंदरता कि मुरत बन कर जीवन मे नये किनारे दे जाते है नई सोच हमारी ताकद है जो हमे इशारे देती है हर बार हमारे जीवन को नये सहारे देती है
खो जाती है तो भी क्या वह खुशबू जीवन मे हासिल तो होती है जिसे समझ लेने कि उम्मीदे हमे अलग इशारे देती है परख लेना उस खुशबू को जिस के अंदर अलग सहारे होते है उसे एक बार जो पाते है जीवन के इरादे बदलते है
हम ढूँढना चाहते है उसे हर किनारे पर हर राह मे जब हम जीवन मे आगे चलते है जीवन मे उसकी तलाश मे ही हर बार हम भटकते रहते है हम उम्मीदों पर जीते है उन्हे अलग किनारे दे जाते है उन्हे आगे ले जाते है
अगर हम समझ ले जीवन को तो वह मुरझाये किनारों से भी जीत कि उम्मीदे रखने कि एक कोशिश है अगर उस किनारों से सीख लिये तो वही नये फूल भी मिलते है जीवन मे मुरझानेसे हम नही डरते है आगे बढते रहते है
मुरझाना सही बात ही होती है क्योंकि तभी नये फूल बन पाते है पर जब तक हम सीख नही पाते है तब तक हम बस मुरझाने का ही जीवन भर अफसोस करते है और सिर्फ मुरझाने पर रोते हुए नया बनाने कि कोशिश पर कुछ कम ही गौर करते है वह सिर्फ अफसोस ही करते है
रोज जब कोई फूल खिलता है जीवन मे खुशियाँ देता है चाहे कितनी बार मुरझा जाये पर हर फूल नई उम्मीदे दे जाता है फूलों का खिलना जरुरी नजर आता है वह मुरझा जाये तो भी क्या आखिर फूल तो फूल ही होते है
जब हम समझ लेंगे उन बातों को दुनिया के रंग उन संग बदल जाते है जीवन कि कहानी को समझ लेते तो हम है पर मुरझाने पर फूल कहाँ हमे भाते है जब जीवन कि धारा को समझ ले तो जीवन मे रंग बदलते है
जिसे समझ लिया हमने जीवन मे वह सोच अलग अलग एहसास से हम समझ पाते है जीवन कि हर परछाई को उम्मीदे दे कर हम समझ लेते है मुरझा चुकी चीजों से बढकर हम जीवन मे कोई चीज समझ लेते है
तो वह सारी उम्मीदे है जिन्हे हम परख लेना चाहते है उम्मीदे तो बस कुछ पल कि साथी है उन्हे परख लेना हम चाहते है जिन्हे जीते है हम जीवन मे और समझ लेना भी मन से हर बार चाहते है खुशियाँ पाते जाते है
जो चीजे मुरझाती है वह भी खुशबू कि उम्मीदे ही जीवन मे हर बार देती है जब मुरझाती है तभी तो उम्मीदे तो कई बार देते है क्योंकि मिटी मे मिलकर वह नये उम्मीदों के किनारे हर बार हमे दे जाते है
जो फूल फिर से उगना पाये वह भी तो उम्मीदे देते है क्योंकि वह सुंदरता कि मुरत बन कर जीवन मे नये किनारे दे जाते है नई सोच हमारी ताकद है जो हमे इशारे देती है हर बार हमारे जीवन को नये सहारे देती है
खो जाती है तो भी क्या वह खुशबू जीवन मे हासिल तो होती है जिसे समझ लेने कि उम्मीदे हमे अलग इशारे देती है परख लेना उस खुशबू को जिस के अंदर अलग सहारे होते है उसे एक बार जो पाते है जीवन के इरादे बदलते है
हम ढूँढना चाहते है उसे हर किनारे पर हर राह मे जब हम जीवन मे आगे चलते है जीवन मे उसकी तलाश मे ही हर बार हम भटकते रहते है हम उम्मीदों पर जीते है उन्हे अलग किनारे दे जाते है उन्हे आगे ले जाते है
अगर हम समझ ले जीवन को तो वह मुरझाये किनारों से भी जीत कि उम्मीदे रखने कि एक कोशिश है अगर उस किनारों से सीख लिये तो वही नये फूल भी मिलते है जीवन मे मुरझानेसे हम नही डरते है आगे बढते रहते है
मुरझाना सही बात ही होती है क्योंकि तभी नये फूल बन पाते है पर जब तक हम सीख नही पाते है तब तक हम बस मुरझाने का ही जीवन भर अफसोस करते है और सिर्फ मुरझाने पर रोते हुए नया बनाने कि कोशिश पर कुछ कम ही गौर करते है वह सिर्फ अफसोस ही करते है
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