Thursday 3 December 2015

कविता ३५४. जीवन का उजाला

                                                           जीवन का उजाला
उजाले जो जीवन को नई सुबह देते है उन्हें समज लेने से हमे वह उम्मीद देते है जो उजाले जीवन के लिए ज़रूरी होते है उन्हें समज लेने से जाने क्यूँ हम कतराते है
उजाले से ही तो हम जीवन मे आगे बढ़ते है उजालों कि कश्ती से ही तो हम जीवन कि नैया पार करते है जीवन कि हर कश्ती को हम हर बार समज लेते है
उजाले से ही तो हम अपना जीवन बनाते है उजालों को चाहे तो वह ताकद बन जाते है उस मोड़ पर ले जाते है जिस मोड़ से हम पीछे ना मुडना चाहते है
उजाला जीवन के अंदर हर बार नई सोच से हमें आगे ले जाता है उजाला ही रोशनी होता है जो जीवन को मतलब दे जाता है उजाला जीवन में अहम होता है
उजाला हर बार नई राह दे जाता है उजाले में नई किरणों को समज लेना हर बार जरुरी होता है उजाला ही जीवन की शुरुआत करता है
उजाला ही हर बार नई राह बनाता है उजाला ही जीवन में हर बार अहम होता है उजाले को चाहना जीवन की जरूरत होती है
उजाला ही हर बार उम्मीद देता है उसे समज लेने से ही जीवन की शुरुआत होती है उजाले से ही तो जीवन का मतलब बन जाता है
उजाला ही जीवन की सच्ची शुरुआत होती है उजाला हर बार जीवन की एक जरुरी लकीर होता है उजाला ही हर बार आगे ले जाता है
उजाले से ही जीवन की हर बार शुरुआत होती है उजाले में ही जीवन का मतलब बनता है उजाला जब आगे बढ़ जाता है
उजाले ही जीवन को कई रंग देते है उजाले ही हमे आगे हर बार बढ़ने की उम्मीद देते है उजाले ही जीवन को नई कहानी देते है उजाला हमें नई रोशनी देता है 

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