Monday 14 December 2015

कविता ३७६. जीवन का आगे पीछे जाना

                                                         जीवन का आगे पीछे जाना
हर बार जीवन तो आगे और पीछे जाता है जीवन को समज लेना जीवन को हर बार घुमाता है जीवन तो अपना रंग बदलता जाता है
जीवन में आगे और पीछे जाना हर बार जीवन की दिशा बदल देता है आगे जाना जीवन के अंदर अलग मोड़ हर बार उम्मीद देता है
जीवन का आगे ले जाना जीवन में तरह तरह के असर हर बार  कर जाता है जीवन में आगे बढ़ना जरूरी हर बार होता है
जीवन के अंदर जो उम्मीद हम रखते है उसे समज लेना हर बार जरुरी होता है जीवन को आगे बढ़ने दे तो जीवन नई मजधार बनता है
आगे और पीछे जीवन के अंदर नये एहसास आते है वह जीवन में हमारी नई सोच लाते है जीवन में हर बार हम आगे और पीछे जाते है
जीवन को समज लेना हर बार अहम हम पाते है जीवन की धारा को आगे पीछे ले जाते है जिसे समज लेना हर बार अहम हम पाते है
जीवन को समज तो हम हर बार लेते है उसे जीवन की लहर संग हर बार हम रखते है जीवन की राह को समज लेना हर बार जरुरी होता है
जीवन की राह को बदल लेना जो उम्मीद दे जाता है जीवन की राह जो हमे हर बार आगे पीछे मुड़कर ही जीवन को समज लेना होता है
राह तो जीवन को उम्मीद दे जाती है उसे समज लेने से ही तो खुशियाँ आती है पर जब राह जीवन को उम्मीद दे जाती है
उस राह को परखो जिसमे हम आगे और पीछे जाते है उसे समज लेते है जिसमे हम हर बार खुशियाँ पाते रहते है राह को तो हम जीवन में मतलब देते है
राहों के अंदर ही तो कई किसम की अलग सोच तो होती है जो जीवन कई बार रोशनी दे जाती है हमें आगे लेकर जाती है 

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