Sunday 20 December 2015

कविता ३८९. आसान राह

                                          आसान राह
हर बार जो सोचा है वह कर लेना आसान नही होता है कभी लगता है जो चुटकी मे हो जायेगा वह काम घंटों बाद भी जीवन मे नही होता है जो राह आसान लगती है वह काटों से भरती है
जीवन मे जिस उम्मीद से आगे बढते है उस उम्मीद को जिन्दा रखना आसान नही होता है जिसमे जीवन को सुख हर बार मिलता है क्योंकि कई बार आसान राह मुश्किल से ही आगे बढती है
उन राहों पर जिनके ऊपर दुनिया चलती है उनपे चलना मुमकिन नही होता है आसान राहों का कोई किनारा नही बनता है जिस राह पर चलने का मतलब नही होता है
आसान राह को समज लेना जीवन पर असर हर बार करता है जीवन को परख लेना मुश्किलसा दिखता है आसान राहों का जीवन पर कुछ तो असर हर बार जरुर होता है
राह पर मुश्किल तो आती ही रहती है पर आसान समज कर ही तो जीवन कि राह चलनी होती है वही तो हमारी जीवन कि कहानी होती है राह तो उलझन लगती है
पर मुश्किल राह ही उम्मीदों से भरी होती है जो जीवन को रोशनी दे जाती है जब उसे आसान समज कर दुनिया गुजारी जाती है मुश्किल राह कहाँ लगती है
पर सच तो बस यही है हर राह उम्मीदों से भरी होती है पर आसान कभी कोई राह नही होती जब वह जीवन मे उम्मीद जगा लेती है आसान राह जीवन को मतलब देती है
क्योंकि वह आसान नही होती है राह तो हर मोड पर मुश्किल ही होती है जिस से उम्मीदों कि मेहफिल होती है पर उम्मीदों के दम पर वह आसान हर बार कह लाती हैै
आसान राह मे ही मुश्किल राहों के साये होते है जब उनमे उम्मीदे भर जाती है हर राह पर कोई ना कोई उम्मीद जीवन मे हर बार आती है जीवन को रोशनी मिल जाती है
आसान राह ही जीवन मे नही होती है पर हमे हर राह अगर सही तरीके से काँटी जाये तो हर पल जीवन मे आसान ही लगता है हर मोड पर जीवन कि उम्मीद बनती है

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