Thursday 24 December 2015

कविता ३९६ . जमीन कि अहमियत

                                   जमीन कि अहमियत
आसमान मे अलग अलग रंग जो दुनिया को मतलब दे जाते है उन रंगों को परख ले तो वह दुनिया को अलग मतलब देते हैै आसमान मे उडते पंछी जीवन को उडान सीखा देते है
उंचे उंचे किनारों से जीवन मे मतलब अलग किसम के आते है जब आसमान कि ओर देखे हम कई बार अपने आप को भुल जाते है पर अच्छा तो तब होता है
जब हम उन किनारों के पास जाते है जमीन कि भी याद हम रखते है जमीन के अंदर हर बार जब हम मजबूती से खडे रहते है जमीन मे हर बार हमारी शुरुआत होती है
आसमान कि उंचाई हर बार हमे ऊपर ले जाती है जमीन तो हमारी वही शुरुआत होती है जो हमे जिन्दा रखती है जमीन तो नई आस होती है एहसास होती है
जमीन को अलग भुल जाये तो जीवन मे नई शुरुआत होती है उंचाई तो जीवन कि आस होती है पर अगर जमीन को भुल जाए तो कहाँ जीवन मे आगे बढ पाते है
क्योंकि जितना जरुरी आसमान होता है उतनी जरुरी हमारी जमीन होती है जो हमे उंचाई तक ले जाती है जमीन के अंदर हमे खडा करने कि ताकद हर बार होती है
आसमान के उंचाई से जरुरी हर बार जमीन होती है जमीन पर खडा रहने कि जरुरत हर बार होती है जमीन के भीतर अलग जान हर बार हर कदम जिन्दा होती है
जमीन से तो जान निकलती है और फिर वह हर बार धीरे धीरे जीवन मे आगे बढती है जमीन से शुरुआत हर बार होती है जो जीवन मे हमे आसमान मे हर बार ले तो जाती है
कितना भी आसमान को छुए आखिर जमीन तो हमारी शुरूआत होती है जिसकी हमे जरुरत जीवन मे हर मोड पर हर बार होती है जमीन तो जीवन को वह किनारा देती है जो शुरूआत होती है
जमीन तो जीवन को मतलब दे जाती है जमीन ही तो जीवन कि सच्ची और अहम शुरूआत होती है जो जीवन को नया एहसास हर मोड पर हर कदम पर हर बार देती है

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