Wednesday 11 November 2015

कविता ३११. पंखों कि ताकद

                                         पंखों कि ताकद
हर बार जीवन को नई बात समज लेना जरुरी है जीवन के हर मोड पर पंख फैला कर उडना जरुरी है चाहे जीत हो या हार जीवन मे उडना जरुरी है
जीवन मे पंख फैला कर उडना जरुरी होता है वही जो जीवन को नई उम्मीदे देता है उपर आसमान मे उडना हर बार जरुरी होता है पंखों के अंदर ताकद का एहसास होता है
पंखों के अंदर हर बार सोच का नया एहसास होता है पंखोको ताकद वही देता है जिसे समज लेना जरुरी होता है पंखोंसे ही तो इन्सान उडना सीखता है
मन के उन पंखोंपर भरोसा हो तो दुनिया सीखती है उडने कि ताकद जो जीवन को समज देती है वही तो दुनिया को असली ताकद देती है
पंखों कि ताकद पर जब यकीन होता है तभी तो जीवन मे उडना मुमकिन होता है पंख तो मन कि वह जान है जिन्हे समज लेना जीवन मे हर पल जरुरी रहता है
उडने कि ताकद जो मन को आगे ले जाती है पंख तो वह होते है जिनमे मन कि मजबूती नजर आती है वह होते है जो जीवन मे सबसे मुश्किल वक्त को भी हँसकर जीना सीखाते है
पंख तो मन कि वह ताकद है जो हर पल जीना सीखाती है जीवन को समज लेना उस जीवन मे ही ताकद होती है पंखों कि उडान ही दुनिया को मतलब देती है
पंख तो वह एहसास हमे देते है जिन्हे जीवन मे रोशनी मिलती है हम उस मन कि ताकद को पंख कहते है तो आप अलग भी कहते होगे पर पंख तो जीवन मे ताकद रखते है
हार उन्हे रोक नही सकती ना ही जीत से वह खुद को कुछ खास समज नही लेते है जीवन मे हमेशा यही पंख तो अलग ताकद रखते है जिन्हे समज कर ही तो हम दुनिया को समज लेते है
पंख तो हमे जीवन मे हर बार उम्मीदे देते है पंख जीवन को नया मतलब हर बार हर मोड पर अक्सर देते है वह पंख ही दुनिया मे हमारी ताकद होते है

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