Tuesday 10 November 2015

कविता ३०९. बूँद को बदलना

                                             बूँद को बदलना
हर बार जीवन को नया मतलब मिल जाता है जीवन को समज लेना पानी कि तरह जीवन कि प्यास बुझाता है जीवन मे हर कदम पर जीने का मजा आता है
जीवन हर बार नई धारा बन जाता है जिसे हर राह पर समजे वह जीवन तो खुशियाँ दे जाता है क्योंकी जीवन पानी कि वह धारा है जीवन जिसे बनाता है
पर हर बार पानी कि धारा को अलग ही होता है उसमे हर बार अलग पानी कि बूँदों को होना होता है एक नही हर बार अलग तरीके से जीवन खुद को बनाता है
जीवन को हर मोड पर समज लेना मुश्किल होता है पर बार बार जीवन को समज लेना ही उसकी सही जरुरत होता है पर उसे हँसकर समजे तो वह खुबसूरत होता है
जीवन तो हर बार बदलता रहता है क्योंकी बदलना ही उसको मतलब देता है जीवन को हर मोड पर समजे तो वह आसान नही होता है पानी कि तरह जीवन भी बूँदे बदलता रहता है
बूँदों कि तरह जीवन मे इन्सान होते है हम उन्हे बदलना नही चाहते है ना वह चाहते है पर फिर भी जीवन कि धारा मे इन्सान हर मोड पर अलग होते है जो दुनिया के एक मोड पर नही रहते है
बूँदों का बदल जाना पानी के लिए जरुरी है उसी तरह जीवन को समज लेना और लोगों का बदल जाना जरुरी है लोगों का बदलाव जीवन के लिए हर पल जरुरी है
जीवन के अलग अलग कोनों को समज लेना जीवन के लिए जरुरी है जीवन तो वह सोच है जिसे परख लेना अहम और जरुरी है हर मोड पर आगे बहोत जरुरी है
जीवन को समज कर उसकी राहों को अपना लेते है वही जीवन को अपना बना पाते है कभी कभी जीवन को अपना लेने के लिए उसकी हार को अपना बनाना पडता है
बूँद को समज लेना जरुरी होता है बूँद बदलती पानी को ताजा रखने के लिए कभी कभी जीवन को ताजा रखने के लिए इन्सान को भी जीवन मे बदलना पडता है

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