Sunday 22 November 2015

कविता ३३२. संगीत में शुरुआत

                                                             संगीत में शुरुआत
जो जीवन को समजे वह संगीत अलग होता है उस संगीत में अलग मोड़ दिखते है जो जीवन में हर बार जीने होते है  वह संगीत सिर्फ संगीत नहीं होता है
उस में जीवन होता है संगीत के अंदर अलग मतलब होता है जो हर लब्जों के अंदर नया एहसास देता है संगीत सिर्फ गीत नहीं होता है वह जीवन का राज बताता है
संगीत के हर पंक्ती में जीवन का अलग किनारा दिखता है जीवन के अंदर अलग सोच का एहसास होता है जीवन के साथ अलग सोच होती है
जो हर बार पंक्ती कुछ अलग बताती है जीवन का कुछ एहसास बताती है उन पंक्तीयों से ही जीवन के अलग अलग किनारे जो उस संगीत में होते है
संगीत में ही नई सोच की बात हर बार दिखती है संगीत में ही जो हमने कुछ ऐसी बात सुनी है जो जीवन को नई चीजे दिखाती है
जीवन में संगीत का एहसास जो नई चीजे दिखाता है जो हमने सोची थी ना समजी थी बस संगीत से ही जीवन को सीखाती है
कभी कभी संगीत से ही तो दुनिया प्यारी लगाती है पर कभी कभी उससे ही वह डरावनी लगती है पर हम एक जीवन में समज नही पाते है
की दुनिया सिर्फ संगीत नहीं होती संगीत हमें दरवाजा दिखाते है उससे आगे चलने की हमसे उम्मीद होती है जीवन को समज लेने की उम्मीद होती है
जीवन की बाजी पंक्ती नहीं होती है वह एक दरवाजा होती है जो जीवन में उम्मीद देता है संगीत के अंदर हर बार शुरुआत होती है
संगीत के अंदर अलग सोच होती है जिसमे हर बार जीवन की उम्मीद होती है पंक्ती से ही जीवन की शुरुआत होती है संगीत में अलग सोच की सिर्फ शुरुआत होती है


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