Friday 13 November 2015

कविता ३१४. जीवन को परख लेना

                                    जीवन को परख लेना
हम जब समजाने कि कोशिश करते है जीवन को जीवन हमे ही हर बार समजाता है जीवन को हमे समजाने मे जाने क्यूँ इतना मजा आता है जीवन कि धारा को कुछ रंग अलग मिल जाता है
जीवन को हर मोड पर परख लेना नई रोशनी लाता है जीवन मे हर राह पर जीवन शुरुआत दे जाता है जो हमे समजा लेती है कि जीवन कहा हमे आसानी से समज आता है
जिन्दगी हर बार साँस नई दे जाती है पर कभी वह जीवन से साँसे भी छिन लेती है जीवन कभी कुछ ऐसा कर जाता है हर बार जीवन को मतलब नया दिखता है
पर वह मतलब हमे पसंद नही आता है जिन्दगी को हर बार रंग अलग देने कि हमारी कोशिश जारी रहती है जो जीवन को उम्मीदे देती है जीवन के अंदर हम हर चीज सही करना चाहते है
जीवन मे अच्छी और बुरी दोनो बाते होती है जिन्हे समज लेने से जिन्दगी बदल जाती है जीवन मे अलग सोच हर बार असर कर जाती है जीवन को अलग एहसास देती है
जीवन मे हर बार हमारी बस यही कोशिश होती है जीवन को खुशियों के संग जीने कि कोशिश होती है कोशिश ही हर बार उम्मीदे देती है जीवन के अँधेरों मे कोशिश कि रोशनी होती है
कोशिश से ही जीवन कि रोशनी मिलती है पर वह राह पत्थर के अंदर से बनती हुई दिखती है जीवन मे राह उम्मीदे देती है जब जब जीवन को समज लेना जरुरी होता है
जीवन हर बार हर मोड को रोशनी देता है वह हमारी मेहनत होती है कभी कभी मेहनत ही जीवन को उम्मीद देती है जीवन के राहों मे आगे बढने कि जरुरत होती है
पर जब हमारी उम्मीद खत्म होती है जो जीवन को हर बार समज और जीवन मे रोशनी देती है जीवन को हर बार जरुरत होती है जो मतलब देती है
अचानक जीवन हमे नई उम्मीद देता है राह देता है आगे बढना ही जीवन को उम्मीद दे जाता है और फिर जीवन समजा लेता है कि जीवन मे आगे बढना ही जरुरत है जो जीवन मे उम्मीद देती है

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