Saturday 3 October 2015

कविता २३३. हवा के झोंके संग

                                                                हवा के झोंके संग
हवा के एक झोंके संग कई तरह कि यादें आती है कुछ ख़ुशियाँ तो कुछ गमों को याद दिलाती है हर बार हवा हमें अलग अलग असर दिखाती है
हवा जो सिर्फ जीवन पर कोई तो असर करती है जो हवा मन को छू जाती है हवा मे कभी कभी कोई तो जिन्दगी का हिस्सा जरूर होता है
हवा हर बार कुछ तो असर जरूर कर जाती है हवा में अलग अलग असर जरूर जीवन दिखती है क्योंकि दर्द भरी याद भी जीवन को उम्मीद दे जाती है
जीवन में हवा के साथ रोज नया असर जीवन में हो जाता है जीवन में हर बार अलग ताकद तो जीवन ले आता है जीवन जो सोच समजे वह सही लगता है
हवा के साथ अलग सोच का असर हमें खुशियाँ देती है जब जब हम आगे बढ़ते है जीवन हर बार कुछ तो असर होता है
कभी कभी आँसू और कभी कभी हँसी हवा के अंदर कुछ तो होता है जो हर बार जीवन में बदलता रहता है पर हवा जो मन पर असर कर जाती है
हादसे के अंदर हवा का असर हो जाता है जब हम गम समज लेते है हवा कुछ ज्यादा वजन लाती है हर बार हर सोच के संग कुछ तो असर होता है
हवा के साथ शायद हादसा वापस आता है क्योंकि वह असर जीवन का मतलब बदल देता है हवा के अंदर जो कोई असर होता है
हवा उसे समज लेती है क्योंकि उसके अंदर कुछ तो असर हमेशा होता है हवा के साथ कोई ना कोई हादसा छुपा होता है
हवा के अंदर हर मोड़ पर अलग अलग तरह का असर हमेशा होता है जो जीवन को हर बार खुशियाँ दे जाता है काश की हम हर बार याद को सोचने से पहले परखे क्योंकि उसमें कुछ तो असर जरूर हो जाता है 

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