Thursday 8 October 2015

कविता २४२. बड़ा सपना

                                      बड़ा सपना
हम चाँद को छू सकते है अगर हम दोस्त बना ले तो पर मुश्किल तो यह होती सब चाँद को छूना तो चाहते है पर जीवन मे कोई दोस्त नहीं मिलता जो समजे कि चाँद को छूना आसान नहीं होता
जीवन के अंदर एहसास तो कई होते है जो चाँद को अक्सर छू लिया करते है पर उन्हें पाने कि मेहनत आसान नहीं होती उसे लोग समज ही नहीं पाते है जीवन मे मेहनत आसान नहीं होती
उस मेहनत से कतरानेवालों कि दुनिया मे कमी नहीं होती जब जब दुनिया का मतलब हम समज लेंगे तो उसके अंदर मेहनत को सबसे पहले समज लेते है पर लोगों को मेहनत को समज लेने कि फुरसत नहीं होती
जीवन मे हर बार आगे बढ़ना तो आसान नहीं है चाँद के अंदर अलग असर होता है मेहनत के अंदर दुनिया को समज लेना आसान नहीं होता पर अगर चाँद का पाना है तो मेहनत समजना ज़रूरी है होता
पर लोग कहाँ जीवन को सही दिशा से समज लेते है वह जीवन को बस अलग अलग दिशा देते है चाँद के अंदर हमारे सपने देते है जो जीवन को मेहनत करने के बाद ही जीवन जिन्दा है होता
जीवन के अंदर अलग अलग एहसास जो होते है वह सिर्फ़ मेहनत से जिन्दा होते है जीवन को समज लेना आसान नहीं होता पर हमने अक्सर देखा है चाँद का सपना देखना ग़लत नहीं होता
पर जो दिल उसके ख़ातिर मेहनत से कतराता है उसे समज लेना जीवन मे अहम नहीं लगता है पर जब चाहत बड़ी होती है हर सपना रोशनी लाता है उसे पूरी करते वक्त सबको समज लेना ज़रूरी है होता
सपने के अंदर दुनिया का एहसास ज़रूरी होता है उस एहसास के आख़िर सबको साथ ले जाना ज़रूरी लगता है कुछ अंग ज़रूरी होते है उनका एहसास ज़रूरी है हो जाता
जीवन को समजे हर पल तो जीवन है अलग मतलब पाता जब हम समजे जीवन को उसे परख लेना ज़रूरी होता है इसलिए तो जीवन मे सही सोच कि तलाश ज़रूरी होती
ग़लत और सही चीज़ों को परख तो लेते है हम पर बड़े मक़सद के लिए चले तो जो मेहनत नहीं चाहते उनसे भी मेहनत करवाना ज़रूरी होता है क्योंकि हर जगह तो हम नहीं होते तो दूसरों को सिखाना भी ज़रूरी है होता

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