Wednesday 21 October 2015

कविता २६८. जीवन का आगे जाना

                                         जीवन का आगे जाना
जीवन में आगे जाने से हर बार सुबह होती है जीवन कि दास्तान समज लेने से जीवन के एहसास जुदा होते है जब जब जीवन को समजे हम जीवन कि कहानी अलग ही बनती है
जिसे हर पल हम समज लेते है उस एहसास कि कहानी जुदा और अलग सी होती है जब जब हम परखे जीवन में अलग शुरुआत सी हर बार हमेशा दिखती है
जीवन से ही तो हर बार साँसों कि कहानी बनती है पर हर पल जब जब हम समजे जीवन को हर मोड़ पर अलग कहानी दिखती है जीवन के अंदर हर एहसास में अलग कहानी दिखती है
जीवन के अंदर समज और एहसास नया जीवन दे जाता है जिसे परख लेना हर बार समज में नहीं आता है क्योंकि जीवन तो आगे एक सोच हर बार दे के जाता है
आगे चलते जाते है हम जीवन में तो एहसास हर बार अलग सा होता है जिसे समज लेने का मज़ा भी आता है परख लेते है हम अपनी सोच को जीवन में अलग एहसास होता है
जो जीवन को हर बार ख़ुशियाँ दे जाता है आगे बढ़ना ही जीवन कि साँसों का एक मक़सद दिखता है वह एहसास तो जीवन को एक आस नई हर बार दे जाता है
आगे चलना ही तो जीवन में साँसें दे जाता है जीवन के अंदर एहसास अलग सा आता है जीवन के अंदर जो उम्मीदें दे जाता है उस सोच को समज लेना सोच नई लाता है
आगे बढ़ने से ही जीवन मे एहसास कोई लाता है जीवन के हर मोड़ पर वह शुरुआत नई दे जाता है जिसे समज लेना जीवन को मतलब दे जाता है साँसें सही दिशा में दे जाता है
जीवन के हर मोड़ पर दुनिया कि सोच अलग होती है जो बनती है और कई मोड़ पर बिगड़ जाती है पर आगे बढ़ते समय हमे अलग सोच हर बार तो बनानी पड़ती है
आगे चलने से जीवन में नई शुरुआत हर बार जीवन को आगे ले जाती है पर कभी वह शुरुआत ग़लत सी होती है पर अगर हम जीवन को समज लेते है तो हर शुरुआत बस सही ही हो जाती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग। आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारो...