Friday 23 October 2015

कविता २७३. कोई पोटली कोने में

                                                              कोई पोटली कोने में
कभी किसी कोने में कोई पोटली में एक सोच ही रहती है जिसे समज लेने से जिन्दगी आगे बढ़ती है सोच के अंदर अलग दुनिया समज लेते है
जिसे परख लेने से जीवन की नई दिशा को हम हर पल परख लेना चाहते है जीवन की हर धारा को हम हर कदम समज लेना चाहते है
कोई कोने में परख लेना चीजों को समज लेना होता है जो कोनों में हर बार नई तरह की चीजें जीवन को छू लेती है जिन्हें पोटली में समज लेना रोशनी दे जाते है
हर कोनों में जीवन के अंदर जो सही ख़याल जो जीवन में असर कर जाते है उन्हें जीवन में समज लेना जीवन में अलग सोच ही लाते है
पर कोनों में रखे ख़याल जीवन में रोशनी लाते है जिन्हें परख लेना जीवन पर असर करते है हर बार कुछ तो नतीजे जीवन में जरूर कर जाते है
हर कोने के अंदर कुछ ख़याल असर कर जाते है कोने में कुछ तो सोच जो जीवन के ऊपर कोई तो अलग तरह के नतीजे जीवन पर कुछ असर कर जाते है
हर पोटली में जीवन के कई तरह की सोच तो आती है जो जीवन के हर मोड़ पर कुछ तो असर हो जाता है पोटली के यादें हर तरह की होती है
जो जीवन को हर बार कोने में कुछ तो असर कर जाती है जीवन में हर रंग के अंदर अलग रोशनी आती है हर बारी वह जीवन को एहसास नया लाती है
जीवन के कोने में एक पोटली जो अलग सोच जो लाती है वह पोटली कई तरह की यादें जीवन को दे जाती है जिन्हे समज लेना जिन्दगी चाहती है
पर फिर भी कभी कभी जीवन के एक कोने में ही वह यादों की पोटली रह जाती है और उसे देखने की जगह हम सिर्फ अपनी मुसीबत दोहराते है 

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