Saturday 10 October 2015

कविता२४६. हासिल चीजों कि कदर

                                                 हासिल चीजों कि कदर
हर चीज जिसके अंदर एक सोच वो हमेशा रहती है हर बारी जीवन वह चीज अहमसी लगती है जो हर बारी हर सोच मे दुनिया को परखना समज पाती है वही सोच जीवन को सही राह दिखाती है
पर फुरसत कहा हमे सोचने की हमें जब कोई चीज हासिल हो जाती है परख लेते है बस हम उस राह को जो चीज हमें दिलाती है एक बार हासिल हो जाये तो चीजों को परखना जरुरत बन जाती है
हर चीज के अंदर सोच को समज लेना जरुरी होता है उसे परखे तो जीवन का मतलब बदल भी जाता है पर जब हम किसी चीज को हासिल करते है उसे सही और गलत समज लेने का मतलब ही हम भूल जाते है
हर बार चीजों को परखे तो जीवन का मतलब भी बदल जाता है जो चीजे हम समजे उसका मतलब पाने पर भी हमारे जीवन को असर तो होता है जीवन के अंदर पाने के बाद तो असर बढ जाता है
पर इन्सान कोई चीज पाता तो अकलमंद इन्सान उसकी कदर जानता है पर कुछ इन्सान उसे छोडकर आगे भागते जाते है कुछ चीजों कि कदर समजते है कुछ अहमीयत ना जान पाते है
चीजों को अगर हम समजे तो उनका असर तो हम जीवन भर पाते है हर बारी जब परखे जीवन को अलग अलग असर हम अक्सर मेहसूस कर जाते है उनकी कदर जो समज लेता है
उसी से जीवन की सौगाद पाते है हम हर बारी जो जीवन को चाहते है वह मिली हुई चीजों कि कदर जानते है जो जीवन को हर बार जो चाहे वह जीवन मे मिली हर एक चीज कि हर बार कदर जानते है
जब जब हम जीवन को समज लेते है उसका एहसास मिली हुई चीजों मे पाते है पर जब इन्सान हासिल चीजों को पिछे छोड नई की ओर भागता है हर बार जीवन के साथ नाइन्साफी कर जाता है
जीवन का सही रंग हमे खुशियाँ दे जाता है पर जीवन सही तरीके से समज लेना हमे जीवन मे कहा आता है कभी कभी गलती से हासिल चीजों को छोडकर आगे भागना हमारा मकसद बन जाता है
जो जीवन पर हर बार कुछ ना कुछ असर जरुर कर जाता है जो जीवन को अलग तरीके से दिखाता है और उसी जीवन को समज लेना हमे आता है क्योकि हर बार जीवन बदल जाता है पर हासिल चीजों कि कदर करे तो उनका साथ जन्म भर रहता है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...