Wednesday 23 September 2015

कविता २१२. दोनों ओर से खींचना

                                                                      दोनों ओर से खींचना
दोनों ओर से मन खींचा चला जाता है हर विचार के अंदर दो छोर अक्सर होते है जो जीवन में अलग अलग विचार तो जीवन में हर बार होते है
दो तरह की सोच जो हम जीवन में रखते है जीवन के हमेशा दो तरीके से आगे बढ़ जाते है जीवन के अंदर दोनों ओर से अलग विचार होते है
यह तो हमेशा वह अलग अलग ओर खींचे चले जाते है हर बार जीवन में दो तरीके से हमें अलग दिशा में ले जाते है अौर जीवन में आगे बढ़ते जाते है
दोनों तरह की सोच जो जीवन पर असर तो हमेशा कर जाती है जीवन में दो तरह के ख़याल जीवन में हर बार आते है वह खयाल जीवन में आते है
जीवन के दो छोर जो हमेशा जीवन में होते है जीवन के अंदर अलग दो खयाल होते है जो जीवन पर दो तरीके की सोच हमेशा रखते है
जीवन में दोनों ओर अलग अलग ख़याल हमेशा होते है जीवन में दोनों तरफ हमें अलग विचार हमेशा है जीवन के अंदर दो विचार होते है
पर हर विचार के अंदर दो छोर जो अलग तरह के असर हमेशा जीवन पर असर कर जाते है जीवन में कभी गलत ख़याल आते रहते है
जीवन में दोनों ओर विचार जो जीवन पर कुछ तो असर हमेशा कर जाते है जीवन के अंदर अलग सोच जो जीवन पर असर कर जाते है
जीवन के अंदर हमें दोनों तरह के विचार जीवन में अलग तरह के होते है जीवन में दोनों तरह के विचार जीवन में आते है जीवन में दो विचार हमेशा जीवित रहते है
जीवन में हम अलग अलग तरह के विचार जो हम पर कुछ तो असर कर जाते है जीवन में दोनो छोर से अलग विचार आते है चुनना सही ख़याल को जरुरी होता है वरना हम यू ही दोनों ओर खींचे चले जाते है 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...