Tuesday 22 September 2015

कविता २१०. रंग और ढंग

                                     रंग और ढंग
हर बार जो जीवन मे कोई नया सा रंग होता है उस जीवन का अलग मतलब भी मिलता है अगर उसको परखे तो रंग मज़ा भी देता है जीवन मे समजे तो हर रंग समजने लायक होता है
रंग को समज लेना जीवन को नया ढंग देता है तो कभी कभी अलग ढंग से जीवन को समज लेना आसान होता है जब ढंग बदलता है तो जीवन का मतलब बदल जाता है
हर तरीक़ा समजना बड़ा दिलचस्प होता है जीवन का अलग मतलब तब जीवन बनाता है अलग रंग और ढंग जो जीवन मे सही एहसास लाते है वह जीवन को जिन्दा कर जाते है
उन ढंग को समज लेना जीवन को नई रोशनी लाता है हर बार सारे रंगों का समज लेना ही तो जीवन जीना सिखाता है जीवन मे हर रंग को समज लेना अक्सर ज़रूरी होता है
नये नये रंग और ढंग जो जीवन का ख़ुशियाँ देते है वह तभी मिलते है जब हम जीवन को बदलना सिखते है एक ही सोच से हम दुनिया को नहीं समज सकते है हम कई तरह कि सोच जीवन मे रखते है
अलग किसम की सोच जो हम अपने अंदर रखते है उसे तभी हम समज लेते है जब दूसरों कि सोच समज लेते है तभी जीवन को समज आती है क्योंकि सबको समज लेने से ही ख़ुशियाँ जीवन मे बनती है
जो सिर्फ़ दुनिया मे खुद कि सोच को समजते है वह दूसरों कि नज़र को कभी नहीं समजते है दुनिया में सचमुच ख़ुशियाँ चाहते है वह कई तरह कि समज लेने के बाद ही जीवन मे आगे बढ़ते है
जीवन के कई रंगों को हमे हर पल जीना पड़ता है जो यह बातें समज लेता है वही जीवन मे आगे बढ़ता है जिसे इस चीज़ का एहसास नहीं जीवन उसके पास नहीं
हर पल अगर हम समज लेते तो ही फुरसत मे जीवन जी लेते है जीवन को जो सही दिशा मे ले जाये वह एहसास सही है जीवन को परख लेने कि आवाज़ मन के सोच के लिए हर बार सही है
बार बार अगर हम सोचे तो नई सोच से एक तसल्ली रही है वह जीवन कि आवाज़ सही है जो सबको तसल्ली देता है वह मन का एहसास सही है वह सारे जसबात सही है

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