Thursday 17 September 2015

कविता २०१. सुनानी है अपनी कहानी

                                           सुनानी है अपनी कहानी
एक प्यारे से पौधे की भी एक कहानी होती है पर हमें कहा फुरसत है उसे सुनने की क्युकी सबको बस अपनी कहानी सुनानी होती है
अलग तरीके से हर बार सुननी कोई कहानी है क्युकी हर कोई मुश्किल में होता है पर कभी कभी कुछ लोग तो मिलते है
जो सुनाते है अपनी कहानी पर सुनते भी हमारी कहानी है जीवन की हर कहानी में समज लेनी है जो जीवन पर असर कर जानी है
हर कहानी में हर मोड़ पर सुननी है जो जीवन की अलग ही निशानी है जीवन को जो परखे तो बननी है वह कुछ ऐसी कहानी है
जो हर बार जीवन पे कोई ना कोई असर तो कर जानेवाली ही है जीवन में आगे बढ़ जाये तो समज लेती है जीवन की निशानी है
हर कहानी में सुननी है नई तरह की निशानी है जो जीवन को लगती हर बार सुहानी है धीरे धीरे आगे बढ़ने की यह एक ऐसी कहानी है
जिसमें समज लेंगे तो बनती हर बार अलग ही कहानी है कभी कोई सुनले अपनी बात को तो लगती हर बात सुहानी है
पर लोग तो बस सुनाते है और फिर मुश्किल में बढती है जीवन ही  एक दिलचस्प कहानी है लोग हमे सुने यह मन कि चाहत पुरानी है जिसे जीवन मे समजे वह दूसरों के दुःखों कि कहानी है
हर बार जो जीवन मे समजे वह बात बड़ी पुरानी है जिसको हम सुनाना चाहते है वह हमारी कहानी है पर लोग सुनाते रहते है वह उनकी कहानी है
कभी कभी वह अपनी कहे और कभी हमारी सुने यह चाहत होती हमारी है पर लोग तो सुनाते रहते है हर पल अपनी कहानी कभी कभी तो सुनते हमारी यह चाहत हमारी है


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