बात को दोहराना
जब जब दिन भर कोई बात हम दोहराते है हमने देखा है कुछ लोग उसे पल मे समजते है कुछ नहीं समज पाते है हमने अक्सर देखा है फिर भी जाने क्यू हम दोहराते है
हर पल पल हम जीवन को ख़ुशी संग जीते है क्योंकि हम मन की बातें दोहराते रहते है बार बार जो बात कहे वह मन पे असर कर जाती है वह जीवन मे हर बार ख़ुशियाँ लाती है
जब जब हम जीवन मे कुछ बात को मन से कहते है अक्सर मन की चोट को हम जीवन मे जिया करते है आसानी से जो राहे हमे मिल जाती है उन पर जब चलते है
तो कभी कभी मन की बात और सोच मन मे तब दबा के रखा करते है आसानी से चीज़ें पाने के लिए बातें न कहा करते है सारी बातें तो मन से समजा करते है
जीवन मे जिस पल हम आगे बढ़ते है कभी कभी ग़लत बातों का जीवन पे असर तो होता है जो बात छुपाई है मन मे उसका कुछ तो असर होता है उसे समजे तो जीवन उम्मीदें देता है
कभी कभी बातों को दोहराना सही होता है क्योंकि मन तो हर बात को समजता है जिन बातों को मन कहना चाहता है उन बातों को कह देना सही होता है मन जो छुपाता है
उसको छुपाना असर करता है जो चीज़ मन पर असर कर जाये तो उस चीज़ को कह देना ही सही लगता है तो कभी कभी दोहराते है वह भी बड़ा अच्छा लगता है
बात दोहराना अच्छे के लिए लगता है कभी कभी बात बार बार कह दे तो जीवन नये तरीक़े से बनता है दोहराने के लिए जीवन नहीं होता है पर फिर भी कभी कभी दोहराना अच्छा होता है
बार बार बात को कहाना सही लगता है जिसे जीवन मे छोड़ देना मन को अच्छा नहीं लगता क्योंकि दोहराने से बात मन से थोड़ी तो निकलती है उसे भूल जाना है
दोहराना बात को हमेशा असर नहीं है करता पर फिर बात बार बार दोहराना मन के तसल्ली को हमेशा अच्छा है लगता इसीलिए दिल को कभी कभी यह दोहराना अच्छा लगता है
जब जब दिन भर कोई बात हम दोहराते है हमने देखा है कुछ लोग उसे पल मे समजते है कुछ नहीं समज पाते है हमने अक्सर देखा है फिर भी जाने क्यू हम दोहराते है
हर पल पल हम जीवन को ख़ुशी संग जीते है क्योंकि हम मन की बातें दोहराते रहते है बार बार जो बात कहे वह मन पे असर कर जाती है वह जीवन मे हर बार ख़ुशियाँ लाती है
जब जब हम जीवन मे कुछ बात को मन से कहते है अक्सर मन की चोट को हम जीवन मे जिया करते है आसानी से जो राहे हमे मिल जाती है उन पर जब चलते है
तो कभी कभी मन की बात और सोच मन मे तब दबा के रखा करते है आसानी से चीज़ें पाने के लिए बातें न कहा करते है सारी बातें तो मन से समजा करते है
जीवन मे जिस पल हम आगे बढ़ते है कभी कभी ग़लत बातों का जीवन पे असर तो होता है जो बात छुपाई है मन मे उसका कुछ तो असर होता है उसे समजे तो जीवन उम्मीदें देता है
कभी कभी बातों को दोहराना सही होता है क्योंकि मन तो हर बात को समजता है जिन बातों को मन कहना चाहता है उन बातों को कह देना सही होता है मन जो छुपाता है
उसको छुपाना असर करता है जो चीज़ मन पर असर कर जाये तो उस चीज़ को कह देना ही सही लगता है तो कभी कभी दोहराते है वह भी बड़ा अच्छा लगता है
बात दोहराना अच्छे के लिए लगता है कभी कभी बात बार बार कह दे तो जीवन नये तरीक़े से बनता है दोहराने के लिए जीवन नहीं होता है पर फिर भी कभी कभी दोहराना अच्छा होता है
बार बार बात को कहाना सही लगता है जिसे जीवन मे छोड़ देना मन को अच्छा नहीं लगता क्योंकि दोहराने से बात मन से थोड़ी तो निकलती है उसे भूल जाना है
दोहराना बात को हमेशा असर नहीं है करता पर फिर बात बार बार दोहराना मन के तसल्ली को हमेशा अच्छा है लगता इसीलिए दिल को कभी कभी यह दोहराना अच्छा लगता है
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