पल के अंदर का अहसास
हर राह पर कोई ना कोई असर करता है वह पल जब हम कहते है जीवन में समज लेंगे हम जीवन जिस पल के अंदर हर बारी उम्मीदे होती है
उन उम्मीदों के खातिर ही तो हम हर दम जीते है पर फिर कभी कभी मन यह सोचने लगता है की हमने उस पल में क्या खोया क्या पाया है
वही सोच तो हम को अक्सर कमजोर बनती है जो पल में जीना सीखे वह बात तो हमेशा समज में आती है पल के अंदर तो दुनिया रहती है
पर जो पल को गिनना चाहे उसमे क्या बात होगी जीवन में अंदर भी कुछ अलग ही समज होगी पल को जियो पर उसको गिनना सही नहीं लगता है
जब गिनते हो तो वही पल काटे की तरह चुभता है पल के अंदर नयी दुनिया अक्सर बनी होती है हर पल जब जब हम दुनिया को समजते है
उन पलों में भी दुनिया छुपी होती है पल को गिनना जब चाहते हो तो दुनिया उन्ही पलों में नहीं मिल पाती दुनिया पलों के गिनने में नहीं होती है
पल जब जब अलग रंग लाते है उन्हें आसानी से समजना नहीं होता जीवन को जो समजे तो उस जीवन के अंदर जीना जरुरी होता है
पर अक्सर गिनना शुरू रहता है पल के अंदर हर बार कुछ तो जीवन मिलता है उस जीवन को जो समजो तो उसमे मतलब रहता है
पल पल के अंदर अपनी दुनिया बसी होती है उन पलों को जियो ना गिनो उनके सुख दुःख तो उनमे दुनिया नयी मिलती है
हर बारी जीवन गिनना नहीं होता कभी कभी खो कर भी इंसान बहोत कुछ है पाता तो जी लो उस पल को जिसमे दुनिया भर की खुशियाँ बसी होती है जीवन को समजो उसमें करोड़ों की खुशियाँ बिन गिने हँसी में मिलती है
हर राह पर कोई ना कोई असर करता है वह पल जब हम कहते है जीवन में समज लेंगे हम जीवन जिस पल के अंदर हर बारी उम्मीदे होती है
उन उम्मीदों के खातिर ही तो हम हर दम जीते है पर फिर कभी कभी मन यह सोचने लगता है की हमने उस पल में क्या खोया क्या पाया है
वही सोच तो हम को अक्सर कमजोर बनती है जो पल में जीना सीखे वह बात तो हमेशा समज में आती है पल के अंदर तो दुनिया रहती है
पर जो पल को गिनना चाहे उसमे क्या बात होगी जीवन में अंदर भी कुछ अलग ही समज होगी पल को जियो पर उसको गिनना सही नहीं लगता है
जब गिनते हो तो वही पल काटे की तरह चुभता है पल के अंदर नयी दुनिया अक्सर बनी होती है हर पल जब जब हम दुनिया को समजते है
उन पलों में भी दुनिया छुपी होती है पल को गिनना जब चाहते हो तो दुनिया उन्ही पलों में नहीं मिल पाती दुनिया पलों के गिनने में नहीं होती है
पल जब जब अलग रंग लाते है उन्हें आसानी से समजना नहीं होता जीवन को जो समजे तो उस जीवन के अंदर जीना जरुरी होता है
पर अक्सर गिनना शुरू रहता है पल के अंदर हर बार कुछ तो जीवन मिलता है उस जीवन को जो समजो तो उसमे मतलब रहता है
पल पल के अंदर अपनी दुनिया बसी होती है उन पलों को जियो ना गिनो उनके सुख दुःख तो उनमे दुनिया नयी मिलती है
हर बारी जीवन गिनना नहीं होता कभी कभी खो कर भी इंसान बहोत कुछ है पाता तो जी लो उस पल को जिसमे दुनिया भर की खुशियाँ बसी होती है जीवन को समजो उसमें करोड़ों की खुशियाँ बिन गिने हँसी में मिलती है
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