Thursday 20 August 2015

कविता १४५. चीज़ के अंदर की दुनिया

                                                             चीज़ के अंदर की दुनिया
तरह तरह की चीजे जो मन पे असर कर जाती है उन्हें समजे है तो जीवन में कोई ना कोई आशाए जरूर जिन्दा हो जाती है
जब जब चीजों को समजे तो हर बार आशाए पैदा हो जाती है जीवन के अंदर मन के भीतर सही सोच ही जिन्दा हो जाती है
चीजों को जो समजे उस जीवन में खुशियाँ आती है पर अक्सर हम मन में कोई बात छुपा देते है जिससे खुशियाँ खो जाती है
चीज तो वह काम की होती है जिसमे खुशियाँ जिन्दा होती है अच्छाई संग चले तो हर दम जीवन में खुशियाँ हासिल होती है
हर चीज जिसे हम हर पल समजे उसमे दुनिया जिन्दा होती है चीजों के अंदर नयी नयी सोच हमारे लिए प्यारी लगती है
चीजों में जब जब हम जीवन को समजे बहुत खूबसूरत दुनिया होती है क्युकी वही चीज तो सही होती है जिसमे छुपी दुनिया होती है
चीजों के साथ जब जब हम दुनिया को समजे तो उन चीजों के भीतर हमारी नयी दुनिया होती है दुनिया तो वही होती है
जो जीवन में खुशियाँ तो हर पल मिलती है जब जब सही चीज़ को हमारी दुनिया चुनती है अच्छाई को बस तुम चुन लो तो जीवन में खुशियाँ होती है
हर चीज के अंदर हमारी एक नयी दुनिया होती है अहम तो हर बार हर चीज़ होती है अगर उस चीज़ को समजे तो ही सही दुनिया होती है
चीज कोई आसान बात नहीं उसमे अलग ही दुनिया होती है पर सिर्फ किंमत से उसे ना परखो आखिर उसमे ही तो सही खुशियाँ होती है 

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