एक तिनका
हर बार जो सोचा हमने वह हो जाये यह जरुरी नहीं होता क्युकी हम तो तिनका है इस दुनिया में उस तिनके का हर बार सही होना जरुरी नहीं होता
जरुरी तो होता है उस सच को समजना जिस में सिर्फ हँसी नहीं रोना भी होता हो उस सच को समजना जिस में सिर्फ पाना नहीं खोना भी होता हो
पर हर उस सचको अपनाना जरुरी नहीं लगता यह दिल समजता है की वह बदल जायेगा पर उसको समज पाना आसान नही होता
तिनके में दुनिया छुपी होती है पर उस तिनके को समजाना दुनिया के लिये जरुरी नहीं होता तिनके को तो खुद ही समजना है क्युकी वह तिनका है उसे अपनाना दुनिया के लिये जरुरी नहीं होता
हम तूफान में उड़ जाये तो दुनिया को अफ़सोस नहीं होता पर अगर हम कुछ हासिल कर जाये तो दुनिया को हमेशा अचरज है जरूर होता
काश दुनिया समज पाये की वह बस तिनके से बनी है उस तिनके को ठुकराना सही नहीं होता जो अपनाये उस तिनके को वह जिन्दगी को आसानी से है समज लेता
जब जब हम आगे बढ़ जाये तो उन खयालों को समजना है बड़ा जरुरी होता तिनके के अंदर से जो हम दुनिया को समज ले तो जीना मुश्किल नहीं होता
क्युकी तिनका ही तो आखिर जीवन का सच है बिन तिनके के कुछ भी नहीं बनता वक्त मिल जाये तो दुनिया को समज लेना वह तिनका ही होती है बाकि कुछ नहीं होता
जो मिट्टी से बनती है और मिट्टी में जाती है पर बीच में क्या करती है उसी पर जीवन हर मोड़ पे है बना होता
तिनके को अगर जानो तो समजोगे तिनके से अलग जीवन का कोई भी मतलब नहीं होता
दुनिया नहीं समजती है यह दुनिया की कमी है वरना तिनके से बेहतर दुनिया में कुछ भी नहीं होता क्युकी तिनका तो वह सच है जिसमे जीवन का मतलब है छुपा होता
हर बार जो सोचा हमने वह हो जाये यह जरुरी नहीं होता क्युकी हम तो तिनका है इस दुनिया में उस तिनके का हर बार सही होना जरुरी नहीं होता
जरुरी तो होता है उस सच को समजना जिस में सिर्फ हँसी नहीं रोना भी होता हो उस सच को समजना जिस में सिर्फ पाना नहीं खोना भी होता हो
पर हर उस सचको अपनाना जरुरी नहीं लगता यह दिल समजता है की वह बदल जायेगा पर उसको समज पाना आसान नही होता
तिनके में दुनिया छुपी होती है पर उस तिनके को समजाना दुनिया के लिये जरुरी नहीं होता तिनके को तो खुद ही समजना है क्युकी वह तिनका है उसे अपनाना दुनिया के लिये जरुरी नहीं होता
हम तूफान में उड़ जाये तो दुनिया को अफ़सोस नहीं होता पर अगर हम कुछ हासिल कर जाये तो दुनिया को हमेशा अचरज है जरूर होता
काश दुनिया समज पाये की वह बस तिनके से बनी है उस तिनके को ठुकराना सही नहीं होता जो अपनाये उस तिनके को वह जिन्दगी को आसानी से है समज लेता
जब जब हम आगे बढ़ जाये तो उन खयालों को समजना है बड़ा जरुरी होता तिनके के अंदर से जो हम दुनिया को समज ले तो जीना मुश्किल नहीं होता
क्युकी तिनका ही तो आखिर जीवन का सच है बिन तिनके के कुछ भी नहीं बनता वक्त मिल जाये तो दुनिया को समज लेना वह तिनका ही होती है बाकि कुछ नहीं होता
जो मिट्टी से बनती है और मिट्टी में जाती है पर बीच में क्या करती है उसी पर जीवन हर मोड़ पे है बना होता
तिनके को अगर जानो तो समजोगे तिनके से अलग जीवन का कोई भी मतलब नहीं होता
दुनिया नहीं समजती है यह दुनिया की कमी है वरना तिनके से बेहतर दुनिया में कुछ भी नहीं होता क्युकी तिनका तो वह सच है जिसमे जीवन का मतलब है छुपा होता
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